136.0K
20.4K

Comments

Security Code

55469

finger point right
आपके वेदधारा ग्रुप से मुझे अपार ज्ञान प्राप्त होता है, मुझे गर्व कि मैं सनातनी हूं और सनातन धर्म में ईश्वर ने मुझे भेजा है । आपके द्वारा ग्रुप में पोस्ट किए गए मंत्र और वीडियों को में प्रतिदिन देखता हूं । -Dr Manoj Kumar Saini

यह वेबसाइट बहुत ही रोचक और जानकारी से भरपूर है।🙏🙏 -समीर यादव

वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

वेदधारा को हिंदू धर्म के भविष्य के प्रयासों में देखकर बहुत खुशी हुई -सुभाष यशपाल

बहुत अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है 🙏🌹🙏 -Manjulata srivastava

Read more comments

Knowledge Bank

इन समयों में बोलना नहीं चाहिए

स्नान करते समय बोलनेवाले के तेज को वरुणदेव हरण कर लेते हैं। हवन करते समय बोलनेवाले की संपत्ति को अग्निदेव हरण कर लेते हैं। भोजन करते समय बोलनेवाले की आयु को यमदेव हरण कर लेते हैं।

भक्ति में शुद्धता का महत्व

आध्यात्मिक विकास के लिए, पहचान और प्रतिष्ठा की चाह को पहचानना और उसे दूर करना जरूरी है। यह चाह अक्सर धोखे की ओर ले जाती है, जो आपके आध्यात्मिक मार्ग में रुकावट बन सकती है। भले ही आप अन्य बाधाओं को पार कर लें, प्रतिष्ठा की चाह फिर भी बनी रह सकती है, जिससे नकारात्मक गुण बढ़ते हैं। सच्चा आध्यात्मिक प्रेम, जो गहरे स्नेह से भरा हो, तभी पाया जा सकता है जब आप धोखे को खत्म कर दें। अपने दिल को इन अशुद्धियों से साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है उन लोगों की सेवा करना जो सच्ची भक्ति का उदाहरण हैं। उनके दिल से निकलने वाला दिव्य प्रेम आपके दिल को भी शुद्ध कर सकता है और आपको सच्चे, निःस्वार्थ प्रेम तक पहुंचा सकता है। ऐसे शुद्ध हृदय व्यक्तियों की सेवा करके और उनसे सीखकर, आप भक्ति और प्रेम के उच्च सिद्धांतों के साथ खुद को संरेखित कर सकते हैं। आध्यात्मिक शिक्षाएं लगातार इस सेवा के अपार लाभों पर जोर देती हैं, जो आध्यात्मिक विकास की कुंजी है।

Quiz

ऊंटों को प्लेग की बीमारी से बचानेवाले रक्षक के रूप में राजस्थान में किस देवता की पूजा होती है ?

Recommended for you

दुर्गा सप्तशती - अध्याय ४

दुर्गा सप्तशती - अध्याय ४

ॐ ऋषिरुवाच । शक्रादयः सुरगणा निहतेऽतिवीर्ये तस्मिन्दु�....

Click here to know more..

शुभता के लिए नित्या देवी गायत्री मंत्र

शुभता के लिए नित्या देवी गायत्री मंत्र

सर्वमाङ्गल्यै विद्महे महाचन्द्रतिग्मायै धीमहि । तन्नो ....

Click here to know more..

वाणी शरणागति स्तोत्र

वाणी शरणागति स्तोत्र

वेणीं सितेतरसमीरणभोजितुल्यां वाणीं च केकिकुलगर्वहरां �....

Click here to know more..