लोमहषण ने।
चार्वाक दर्शन में सुख शरीरात्मा का एक स्वतंत्र गुण है। दुख के अभाव को चार्वाक दर्शन सुख नहीं मानता है।
शत्रुता समाप्त करने के लिए नरसिंह मंत्र
ॐ नृसिंहाय सर्वज्ञ मम सर्वरोगान् बन्ध बन्ध सर्वग्रहान् �....
Click here to know more..मां दुर्गा का सबसे ताकतवर दुर्गा सप्तश्लोकी मंत्र
शंकराचार्य करावलम्ब स्तोत्र
ओमित्यशेषविबुधाः शिरसा यदाज्ञां सम्बिभ्रते सुममयीमिव �....
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