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Ram Ram -Aashish
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देहि हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होये हमारो
कौन सो संकट मोर ग़रीब को जो तुमसे नही जात है टारो
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
तन में तुम्हरे शक्ति विराजे मन भक्ति से भीना
जो जान तुम्हरी शरण मे आये
जो जान तुम्हरी शरण मे आये दुख दरद हर लीना हनुमत
दुख दरद हर लीना
महावीर प्रभु हम दुखियन के तुम हो ग़रीब निवाज़ हनुमत
तुम हो ग़रीब निवाज़ हनुमत
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
राम लखन वैदेही तुम पर सदा रहे हरषाए
हृदय चीर के राम सिया का
हृदय चीर के राम सिया का दर्शन दिया कराए हनुमत
दर्शन दिया कराए
दो कर जोड़ अरज, हनुमंता
कहीयो प्रभु से आज हनुमत, कहीयो प्रभु से आज हनुमत
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
कृपा करो महाराज
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शाक्त-दर्शन के अनुसार ३६ तत्त्व क्या क्या हैं?
१. शिव २. शक्ति ३. सदाशिव ४. ईश्वर ५. शुद्धविद्या ६. माया ७. कला ८. विद्या ९. राग १०. काल ११. नियति १२. पुरुष १३. प्रकृति १४. बुद्धि १५. अहङ्कार १६. मन १७. श्रोत्र १८. त्वक् १९. चक्षु २०. जिह्वा २१. घ्राण २२. वाक् २३. पाणि २४. पाद २५. पायु २६. उपस्थ २७. शब्द २८. स्पर्श २९. रूप ३०. रस ३१. गन्ध ३२. आकाश ३३. वायु ३४. वह्नि ३५. जल ३६.पृथिवी।
गायत्री मंत्र के देवता कौन है?
गायत्री मंत्र के देवता सविता यानि सूर्य हैं। परंतु मंत्र को स्त्रीरूप मानकर गायत्री, सावित्री, और सरस्वती को भी इस मंत्र के अभिमान देवता मानते हैं।