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जब कुछ समझ ना आए कुछ न सूझे , सब रास्ते बंद हो जाए तो बस ये गाना सुन लो बोहोत शांति मिलेगी। -User_shwjbw

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव🙏🙏🙏 -User_shwjd2

हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल

वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

वेदधारा के धर्मार्थ कार्यों में समर्थन देने पर बहुत गर्व है 🙏🙏🙏 -रघुवीर यादव

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जय काल महाकाल विकराल शम्भो,
जीवन हो या मृत्यु दोनों ही तुम हो,
जन्मों जन्मान्तर की लड़ियाँ ये कड़ियाँ,
हर योनि हर जीवन रखवाल तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल…..

सृष्टि के संचालक महाप्राण तुम हो,
तुम ही सुख, तुम ही दुःख, निर्वाण तुम हो,
सूरज से तेजस्वी सागर से निर्मल,
चन्दा भी, तारे भी, ब्रह्माण्ड तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल.....

जीवन की नैया तुम, पतवार तुम हो,
इस पार, उस पार, मझधार तुम हो,
कण-कण, ये हर क्षण, ये तुमसे बना है,
गूँजे तो घट भीतर ओमकार तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल.....

हिमालय के सर का श्रृंगार तुम हो,
गंगा की पावन सी एक धार तुम हो,
डम डम डम डमरू का एक नाद तुम हो,
शंखों के हृदयों की हुंकार तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल....

जय काल महाकाल किरपाल शम्भो,
त्रिलोक व्यापे हैं तेरे चरण हो,
तेरी कृपा हो तो जीवन प्रकट हो,
तेरे ही कोप से सृष्टि भस्म हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल….

जीवन का मृत्यु का खेला रचाया,
एक लाया दुनिया में एक भिजवाया,
इन्सान बेचारे ने आँसू बहाया,
तेरा ये खेला समझ ही ना पाया,
तेरा ये खेला समझ ही ना पाया....

सोचे कि अपना कोई खोया गँवाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया,
जो तेरा था वो जाकर तुझमें समाया....

जय काल महाकाल विकराल शम्भो,
जीवन हो या मृत्यु दोनों ही तुम हो,
जन्मों जन्मान्तर की लड़ियाँ ये कड़ियाँ,
हर योनि हर जीवन रखवाल तुम हो,
जय काल महाकाल,
जय काल महाकाल……

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स्त्रीधन के बारे में वेदों में कहां उल्लेख है?

ऋग्वेद मण्डल १०. सूक्त ८५ में स्त्रीधन का उल्लेख है। वेद में स्त्रीधन के लिए शब्द है- वहतु। इस सूक्त में सूर्यदेव का अपनी पुत्री को वहतु के साथ विदा करने का उल्लेख है।

कर्म के अनुसार ही अनुभव

कोई भी अनुभव बिना कारण का नहीं होता। श्रीराम जी मानते थे कि कौसल्या माता ने पूर्व जन्म में किसी माता के अपने पुत्र से वियोग करवाया होगा। इसलिए उनको इस जन्म में पुत्र वियोग सहना पडा।

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