जमवाई माता कछवाहा वंश की कुलदेवी है। कछवाहा वंश राजपूतों की एक उपजाति और सूर्यवंशी है।
देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते । देवताभ्यो हि पूर्वं पितॄणामाप्यायनं वरम्॥ (वायु तथा ब्रह्मवैवर्त पुराण) - देवकार्य की अपेक्षा पितृकार्य की विशेषता मानी गयी है। अतः देवकार्य से पूर्व पितरोंको तृप्त करना चाहिये।
काकः काकः पिकः पिकः
कौआ भी काला है और कोयल भी काला है| इन में क्या फर्क है? यह है....
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श्रीरामजी से एक प्रार्थना....
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सदाभीतिहस्तं मुदाजानुपाणिं लसन्मेखलं रत्नशोभाप्रकाशम....
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