ॐ स्कन्दात्मिकायै विद्महे शक्तिहस्तायै धीमहि । तन्नः कौमारी प्रचोदयात् ।
सफेद कपड़े पहने, मीठे और सुखद शब्द बोलने वाला सुंदर पुरुष, यात्रा के दौरान या प्रवेश पर सफलता लाता है। इसी प्रकार सजी हुई महिलाएं भी सफलता लाती हैं। इसके विपरीत, बिखरे हुए बाल, घमंडी, विकलांग अंगों वाले, नग्न, तेल में लिपटे, मासिक धर्म, गर्भवती, रोगी, मलयुक्त, पागल या जटाओं वाले लोगों को देखना अशुभ होता है।
फूल, फल और पत्ते जैसे उगते हैं, वैसे ही इन्हें चढ़ाना चाहिये'। उत्पन्न होते समय इनका मुख ऊपरकी ओर होता है, अतः चढ़ाते समय इनका मुख ऊपरकी ओर ही रखना चाहिये। इनका मुख नीचेकी ओर न करे । दूर्वा एवं तुलसीदलको अपनी ओर और बिल्वपत्र नीचे मुखकर चढ़ाना चाहिये। इनसे भिन्न पत्तोंको ऊपर मुखकर या नीचे मुखकर दोनों ही प्रकारसे चढ़ाया जा सकता है । दाहिने हाथ करतलको उतान कर मध्यमा, अनामिका और अँगूठेकी सहायतासे फूल चढ़ाना चाहिये।
सृजन का संक्षेप में वर्णन
महाभारत में कहा गया है कि अगर आप भूतों की इस उत्पत्ति के ब�....
Click here to know more..भागवत भगवान का ही अवतार है ग्रन्थ के रूप में
चंद्रमौलि दशक स्तोत्र
सदा मुदा मदीयके मनःसरोरुहान्तरे विहारिणेऽघसञ्चयं विदा�....
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