क्रोधो नाशयते धैर्यं क्रोधो नाशयते श्रुतम् |
क्रोधो नाशयते सर्वं नास्ति क्रोधसमो रिपुः ||

 

गुस्सा धैर्य का विनाश करता है | गुस्सा ज्ञान का विनाश करता है | गुस्सा सब कुछ विनाश करता है इसलिए गुस्से से बडा कोई शत्रु नहीं होता |

 

150.5K
22.6K

Comments

Security Code

32773

finger point right
वेद पाठशालाओं और गौशालाओं का समर्थन करके आप जो प्रभाव डाल रहे हैं उसे देखकर खुशी हुई -समरजीत शिंदे

आपकी वेबसाइट बहुत ही विशिष्ट और ज्ञानवर्धक है। 🌞 -आरव मिश्रा

Hamen isase bahut jankari milti hai aur mujhe mantron ki bhi jankari milti hai -User_spaavj

वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ

वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

Read more comments

Knowledge Bank

भ्रम से परे देखना

जीवन में, हम अक्सर भ्रमों का सामना करते हैं जो हमारे निर्णय और समझ को धूमिल कर देते हैं। ये भ्रम कई रूपों में आ सकते हैं: भ्रामक जानकारी, झूठी मान्यताएं, या ध्यान भटकाने वाली चीजें जो हमें हमारे सच्चे उद्देश्य से दूर ले जाती हैं। विवेक और बुद्धि का विकास करना महत्वपूर्ण है। जो आपके सामने प्रस्तुत किया जाता है, उस पर सतर्क रहें और सवाल करें, यह समझते हुए कि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती। सत्य और असत्य के बीच अंतर करने की क्षमता एक शक्तिशाली उपकरण है। अपने भीतर स्पष्टता की खोज करके और दिव्य के साथ संबंध बनाए रखकर, आप जीवन की जटिलताओं को आत्मविश्वास और अंतर्दृष्टि के साथ नेविगेट कर सकते हैं। चुनौतियों को समझ को गहरा करने के अवसर के रूप में अपनाएं, और भीतर की रोशनी को सत्य और पूर्ति की ओर मार्गदर्शन करने दें। याद रखें कि सच्चा ज्ञान सतह से परे देखने से आता है, चीजों के सार को समझने से और अस्तित्व की भव्य टेपेस्ट्री में अपनी क्षमता को महसूस करने से आता है।

पृथु राजा की कहानी

एक सम्राट था वेन। बडा अधर्मी और चरित्रहीन। महर्षियों ने उसे शाप देकर मार दिया। उसके बाद अराजकता न फैलें इसके लिए महर्षियों ने वेन के शरीर का मंथन करके राजा पृथु को उत्पन्न किया। तब तक अत्याचार से परेशान भूमि देवी ने सारे जीव जालों को अपने अंदर खींच लिया था। उन्हें वापस करने के लिए राजा ने कहा तो भूमि देवी नही मानी। राजा ने अपना धनुष उठाया तो भूमि देवी एक गाय बनकर भाग गयी। राजा ने तीनों लोकों में उसका पीछा किया। गौ को पता चला कि यह तो मेरा पीछा छोडने वाला नहीं है। गौ ने राजा को बताया कि जो कुछ भी मेरे अंदर हैं आप मेरा दोहन करके इन्हें बाहर लायें। आज जो कुछ भी धरती पर हैं वे सब इस दोहन के द्वारा ही प्राप्त हुए।

Quiz

वेदों का इनमें से कौनसा विभजन शास्त्रसम्मत है ?

Recommended for you

जागो मोहन प्यारे

जागो मोहन प्यारे

जागो मोहन प्यारे....

Click here to know more..

वज्रादपि कठोराणि

वज्रादपि कठोराणि

महान व्यक्ति के मन को कौन जान सकता है? जहाँ पर कठोरता के सा�....

Click here to know more..

ऋण मोचन गणेश स्तोत्र

ऋण मोचन गणेश स्तोत्र

रक्ताङ्गं रक्तवस्त्रं सितकुसुमगणैः पूजितं रक्तगन्धैः �....

Click here to know more..