अप्यब्धिपानान्महतः सुमेरून्मूलनादपि |
अपि वह्न्यशनात् साधो विषमश्चित्तनिग्रहः ||
मन को काबू में रखना पूरे सागर को पी जाने से, पर्वत को उखाडकर फेकने से और आग को भोजन के रूप में खाने से से भी ज्यादा कठिन है |
घर में 2 शिवलिंग, 3 गणेश मूर्तियाँ, 2 सूर्य मूर्तियाँ, 3 दुर्गा मूर्तियाँ, 2 शंख, 2 शालग्राम और 2 गोमती चक्रों की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे अशांति हो सकती है।
अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।
वृन्दावन की अधिष्ठात्री देवी वृन्दा
गुरुशुश्रूषया विद्या
विद्या प्राप्त करनी है तो उस के तीन ही मार्ग होते हैं | गुर�....
Click here to know more..हनुमान अष्टोत्तर शतनामावलि
ॐ आञ्जनेयाय नमः। ॐ महावीराय नमः। ॐ हनूमते नमः। ॐ मारुतात�....
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