अप्यब्धिपानान्महतः सुमेरून्मूलनादपि |
अपि वह्न्यशनात् साधो विषमश्चित्तनिग्रहः ||

 

मन को काबू में रखना पूरे सागर को पी जाने से, पर्वत को उखाडकर फेकने से और आग को भोजन के रूप में खाने से से भी ज्यादा कठिन है |

 

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वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ

वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

आपकी वेबसाइट बहुत ही अद्भुत और जानकारीपूर्ण है।✨ -अनुष्का शर्मा

आपको नमस्कार 🙏 -राजेंद्र मोदी

जय सनातन जय सनातनी 🙏 -विकाश ओझा

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घर में मूर्तियों की संख्या

घर में 2 शिवलिंग, 3 गणेश मूर्तियाँ, 2 सूर्य मूर्तियाँ, 3 दुर्गा मूर्तियाँ, 2 शंख, 2 शालग्राम और 2 गोमती चक्रों की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे अशांति हो सकती है।

हनुमान जी का नाम हनुमान क्यों पड़ा?

अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।

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श्रीरामजी की माता कौन है ?

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