अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।
वेङ्कटेश सुप्रभातम् की रचना ईसवी सन १४२० और १४३२ के बीच में हुई थी।
ॐ नमो भगवति ज्वालामालिनि गृध्रगणपरिवृते स्वाहा....
ॐ नमो भगवति ज्वालामालिनि गृध्रगणपरिवृते स्वाहा
पूजा में भोग क्यों चढाया जाता है?
चिंटू और सोनू: दोस्ती और दयालुता की एक कहानी
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Click here to know more..भगवद गीता - अध्याय 17
अथ सप्तदशोऽध्यायः । श्रद्धात्रयविभागयोगः । अर्जुन उवा�....
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