सद्भिस्तु लीलया प्रोक्तं शिलालिखितमक्षरम् |
असद्भिः शपथेनोक्तं जले लिखितमक्षरम् ||
सज्जन जो बातों ही बातों में बोलते है उस कार्य को भी कर देते है | वह बात पत्थर में लिखे हुए अक्षर के जैसे होता है | दुर्जन जिस बात को शपथ लेकर भी बोलते है उस कार्य को भी नहीं करते | इस लिए उनकी बात पानी में लिखे हुए अक्षर के जैसे माना जाता है |
अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।
जो सत्य के मार्ग पर चलता है वह महानता प्राप्त करता है। झूठ से विनाश होता है, परन्तु सच्चाई से महिमा होती है। -महाभारत
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