नवद्वीप में जब श्री गौरांग के कीर्तन की ध्वनि गूंज रही थी, तभी एक गर्वीले विद्वान, पंडितराज केशव कश्मीरी, वहां पहुंचे। वे सजाए हुए पालकी में अपने शिष्यों के साथ बैठकर पवित्र नदी भागीरथी के पास आए। अपनी वाद-विवाद की क्षमता के लिए मशहूर, उनकी उपस्थिति ने नवद्वीप के विद्वानों में चिंता उत्पन्न कर दी। यह महान विद्वान यहां क्यों आया था? उनका उद्देश्य था नवद्वीप के विद्वानों को चुनौती देना और उन्हें पराजित करना।

वहां उन्हें कौन मिला? 

नदी किनारे, केशव कश्मीरी ने एक सुनहरे रंग के युवक को देखा। इस युवक का नाम गौरांग था, जिसने फूलों की माला पहनी हुई थी और वह प्रभु कृष्ण का नाम गाते हुए भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे। विद्वान, यद्यपि अपने ज्ञान पर गर्वित था, गौरांग के प्रति एक गहरा आकर्षण और सम्मान महसूस कर रहा था, लेकिन उनका गर्व उन्हें पीछे खींच रहा था। यह युवक कौन था? वह गौरांग था, जो अपनी भक्ति और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध था।

उनकी मुलाकात के दौरान क्या हुआ?

 केशव कश्मीरी ने वाद-विवाद की इच्छा व्यक्त की। गौरांग ने विनम्रता से उनसे गंगा नदी की महिमा का वर्णन करने का अनुरोध किया। विद्वान ने गंगा की प्रशंसा में सौ नए श्लोकों की रचना की। गौरांग ने बड़े कौशल के साथ इन श्लोकों में त्रुटियों को उजागर किया। केशव कश्मीरी को गहरा शर्म महसूस हुआ। परिणाम क्या हुआ? उनकी हार ने उन्हें गौरांग के दिव्य स्वरूप को समझने में सहायता की।

केशव कश्मीरी कैसे बदले? 

गौरांग की दिव्यता को समझने के बाद, केशव कश्मीरी का गर्व पिघल गया। उन्होंने गौरांग के चरणों में आत्म-उद्धार की प्रार्थना की। गौरांग ने उन्हें वाद-विवाद की बजाय भगवान कृष्ण की भक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। केशव कश्मीरी गौरांग के शिष्य बन गए और कृष्ण की भक्ति को फैलाने में समर्पित हो गए। उन्होंने मथुरा मंडल को आक्रमणकारियों से बचाया और उसकी पवित्रता को संरक्षित किया।

हम इससे क्या सीख सकते हैं? 

केशव कश्मीरी की कहानी विनम्रता और भक्ति के महत्व को सिखाती है। सच्चे ज्ञान की पहचान से आंतरिक शांति प्राप्त होती है। उनका परिवर्तन दर्शाता है कि भक्ति, न कि गर्व, सच्ची संतुष्टि लाती है।

 

85.7K
12.9K

Comments

Security Code

88867

finger point right
गौरांग के सामने केशव कश्मीरी का गर्व पिघल गया और उन्होंने कृष्ण भक्ति की राह चुनी। प्रेरणादायक 🙏🙏💐 -User_sffjdm

केशव कश्मीरी का परिवर्तन साबित करता है कि भक्ति और विनम्रता से ही जीवन में सच्ची संतुष्टि मिलती है। -User_sffjem

हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल

Hamen isase bahut jankari milti hai aur mujhe mantron ki bhi jankari milti hai -User_spaavj

वेद पाठशालाओं और गौशालाओं के लिए आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी हुई 🙏🙏🙏 -विजय मिश्रा

Read more comments

Knowledge Bank

किसकी स्मृति में नैमिषारण्य में प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने में मेला लगता है ?

महर्षि दधीचि की स्मृति में ।

अतिथि सत्कार का महत्त्व

अतिथि को भोजन कराने के बाद ही गृहस्थ को भोजन करना चाहिए। अघं स केवलं भुङ्क्ते यः पचत्यात्मकारणात् - जो अपने लिए ही भोजन बनाता है व्ह केवल पाप का ही भक्षण कर रहा है।

Quiz

राजा जनक के छोटा भाई का नाम ?

Other languages: English

Recommended for you

भस्म धारण की विधि

भस्म धारण की विधि

Click here to know more..

शाबर मंत्रों के बारे में श्री रामचरितमानस​

शाबर मंत्रों के बारे में श्री रामचरितमानस​

Click here to know more..

श्रीराम वर्णमालिका स्तोत्र

श्रीराम वर्णमालिका स्तोत्र

अन्तस्समस्तजगतां यमनुप्रविष्ट- माचक्षते मणिगणेष्विव स�....

Click here to know more..