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वेदधारा चैनल पर जितना ज्ञान का भण्डार है उतना गुगल पर सर्च करने पर सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकती है। बहुत ही सराहनीय कदम है -प्रमोद कुमार

बहुत बढिया चेनल है आपका -Keshav Shaw

यह वेबसाइट बहुत ही रोचक और जानकारी से भरपूर है।🙏🙏 -समीर यादव

सनातन धर्म के भविष्य के लिए वेदधारा के नेक कार्य से जुड़कर खुशी महसूस हो रही है -शशांक सिंह

गुरुजी की शास्त्रों पर अधिकारिकता उल्लेखनीय है, धन्यवाद 🌟 -Tanya Sharma

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श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है,
मेरा हनुमान नहीं आया है, मेरा हनुमान नहीं आया है,
श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है ॥
 
भैया लाखन को लगी है शक्ति, बूटी लेने गए बजरंगी ,
क्या बूटी ढूंढ नहीं पाया है, मेरा हनुमान नहीं आया है,
श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है ॥
 
पूरब में है लाली छायी, अब तो भोर होने को आयी,
श्री राम का मन अकुलाया है, मेरा हनुमान नहीं आया है,
श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है ॥
 
बोले है वानर सुनो प्रभु, आते ही होंगे मेरे हनु,
वो तो पर्वत उठा के लाया है, मेरा हनुमान अब आया है,
श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है ॥
 
बूटी को घोल पिलाया है, लक्ष्मण को चेत तब आया है,
श्री राम ने गले से लगाया है, मेरा हनुमान अब आया है,
श्री राम का दिल घबराया है, मेरा हनुमान नहीं आया है ॥

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मंगल चण्डिका स्तोत्र किसके बारे में है?

मंगल चण्डिका मां दुर्गा का एक स्वरूप है। सबसे पहले महादेव ने मंगल चण्डिका की पूजा की थी, त्रिपुर के युद्ध के समय। देवी त्रिपुर दहन में भगवान की शक्ति बन गई। यह देवी हमेशा १६ वर्ष की होती है और उनका रंग सफेद चंपा के फूल जैसा है। जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की पीडा हो वे विशेष रूप से मंगल चण्डिकाकी पूजा कर सकते हैं।

पुराणॊं में पांच लक्षणों का समावेश किसने किया?

लोमहषण ने।

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निताई किसका नाम है ?

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