कुबेर ने एक बार देखा कि पार्वती देवी शिव के बहुत निकट बैठी थीं। उन्हें शिव जी की ऐसी स्नेह और निकटता चाहिए थी, परंतु उहैं नहीं मिली। वे देवी को एकटक देखते रहे, जिससे देवी नाराज़ हो गईं। उन्होंने कुबेर को एक आँख से अंधा होने का श्राप दे दिया। बाद में, देवी शांत हुईं और उस आँख को पीला कर दिया। यह उन्हें उस घटना की याद दिलाने के लिए था। इसके बाद, कुबेर को एकपिंगल (पीली आँख वाला) कहा जाने लगा।
तीन नेत्रों वाले शंकर जी, जिनकी महिमा का सुगन्ध चारों ओर फैला हुआ है, जो सबके पोषक हैं, उनकी हम पूजा करते हैं। वे हमें परेशानियों और मृत्यु से इस प्रकार सहज रूप से मोचित करें जैसे खरबूजा पक जाने पर बेल से अपने आप टूट जाता है। किंतु वे हमें मोक्ष रूपी सद्गाति से न छुडावें।
शिव मंत्र आध्यात्मिक विकास के लिए
शिव मंत्र गहरे आध्यात्मिक संबंध, आंतरिक शांति, और नकारात�....
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