पद्म पुराण पाताल खंड में संतान प्राप्ति के लिए तीन उपाय बताये गये हैं- भगवान विष्णु का प्रसाद, भगवान शंकर का प्रसाद और गौ माता का प्रसाद।
संध्या देवी ब्रह्मा जी की मानस पुत्री थी। संध्या के सौन्दर्य को देखकर ब्रह्मा को स्वयं उसके ऊपर कामवासना आयी। संध्या के मन में भी कामवासना आ गई। इस पर उन्होंने शर्मिंदगी महसूस हुई। संध्या ने तपस्या करके ऐसा नियम लाया कि बच्चों में पैदा होते ही कामवासना न आयें, उचित समय पर ही आयें। संध्या देवी का पुनर्जन्म है वशिष्ठ महर्षि की पत्नी अरुंधति।
ॐ क्ष्रौं प्रौं ह्रौं रौं ब्रौं ज्रौं ज्रीं ह्रीं नृसिंहाय नमः ।....
ॐ क्ष्रौं प्रौं ह्रौं रौं ब्रौं ज्रौं ज्रीं ह्रीं नृसिंहाय नमः ।
उद्यमेन हि सिध्यन्ति
केवल इच्छा रखने से कार्य सिद्ध नहीं होते| कार्य की सिद्धि ....
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ॐ क्लीं सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते । भयेभ्�....
Click here to know more..काली कवच
अथ वैरिनाशनं कालीकवचम्। कैलास शिखरारूढं शङ्करं वरदं शि�....
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