अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।
१. मध्य - प्रयाग २. पूर्व - गया ३. दक्षिण - विरजा (जाजपुर, ओड़िशा), ४. पश्चिम - पुष्कर ५. उत्तर - कुरुक्षेत्र
ॐ जूं सः चण्डविक्रमाय चतुर्मुखाय त्रिनेत्राय स्वाहा सः जूं ॐ....
ॐ जूं सः चण्डविक्रमाय चतुर्मुखाय त्रिनेत्राय स्वाहा सः जूं ॐ
महामाया ने सती के रूप में अवतार क्यों लिया?
कर्ज से मुक्ति के लिए ऋणहर्तृगणपति मंत्र
ॐ ऋणहर्त्रे नमः ॐ ऋणमोचनाय नमः ॐ ऋणभञ्जनाय नमः ॐ ऋणदावान�....
Click here to know more..भाग्य विधायक राम स्तोत्र
देवोत्तमेश्वर वराभयचापहस्त कल्याणराम करुणामय दिव्यकी�....
Click here to know more..