चार्वाक दर्शन में सुख शरीरात्मा का एक स्वतंत्र गुण है। दुख के अभाव को चार्वाक दर्शन सुख नहीं मानता है।
हयग्रीव का अर्थ है घोडे के सिरवाले। हयग्रीव भगवान ज्ञान के स्वामी हैं।
द्रां दत्तात्रेयाय नमः....
द्रां दत्तात्रेयाय नमः
धन के लिए लक्ष्मी मंत्र
श्रीसामायायामासाश्री सानोयाज्ञेज्ञेयानोसा । मायाळीळ�....
Click here to know more..मंगल भवन अमंगल हारी भजन
मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी राम सिया रा....
Click here to know more..हरि पंचक स्तुति
रविसोमनेत्रमघनाशनं विभुं मुनिबुद्धिगम्य- महनीयदेहिनम�....
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