नैमिषारण्य लखनऊ से ८० किलोमीटर दूर सीतापुर जिले में है । अयोध्या से नैमिषारण्य की दूरी है २०० किलोमीटर ।
इसे आसिपत्रान कहते हैं। इस वन में पेड़ - पौधों के पत्तों के रूप में तलवारें हैं। इन तलवारों से पापी को सताया जाता है।
दुर्गा सप्तशती - अध्याय ४
ॐ ऋषिरुवाच । शक्रादयः सुरगणा निहतेऽतिवीर्ये तस्मिन्दु�....
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क्षं भक्ष ज्वालाजिह्वे प्रत्यङ्गिरे क्षं ह्रीं हुं फट्....
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अथ ऋणग्रस्तस्य ऋणविमोचनार्थं अङ्गारकस्तोत्रम्। स्कन्�....
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