विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च |
व्याधितस्यौषधं मित्रं धर्मो मित्रं मृतस्य च ||
यात्रा के समय सब से अच्छा दोस्त विद्या ही होता है | घर में पत्नी ही सब से अच्छा दोस्त होता है | जब शरीर में रोग आ जाता है तो औषधि ही सब से अच्छा दोस्त होता है | मृत्यु के बाद तो सब से अच्छा दोस्त, जीवित रहते समय किया हुआ धर्म कार्य ही होता है |
कर्ण का असली पिता थे सूर्यदेव। माता थी कुंती। अधिरथ - राधा दंपती ने कर्ण को पाल पोसकर बडा किया।
रसातल में रहनेवाली सुरभि के दूध की धारा से क्षीरसागर उत्पन्न हुआ। क्षीरसागर के तट पर रहने वाले फेनप नामक मुनि जन इसके फेन को पीते रहते हैं।
शिव और सती के विवाह के अंतिम चरण
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व्यास उवाच - अथोपतिष्ठेदादित्यमुदयन्तं समाहितः । मन्त्�....
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