कुबेर ने एक बार देखा कि पार्वती देवी शिव के बहुत निकट बैठी थीं। उन्हें शिव जी की ऐसी स्नेह और निकटता चाहिए थी, परंतु उहैं नहीं मिली। वे देवी को एकटक देखते रहे, जिससे देवी नाराज़ हो गईं। उन्होंने कुबेर को एक आँख से अंधा होने का श्राप दे दिया। बाद में, देवी शांत हुईं और उस आँख को पीला कर दिया। यह उन्हें उस घटना की याद दिलाने के लिए था। इसके बाद, कुबेर को एकपिंगल (पीली आँख वाला) कहा जाने लगा।
भगवान और उनके नाम अविच्छेद्य हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार भगवन्नाम का प्रभाव भगवान से अधिक हैं। भगवान ने जो प्रत्यक्ष उनके संपर्क में आये उन्हें ही सुधारा। उनका नाम पूरे विश्व में आज भी करोडों का भला कर रहा है।
काळीमाररमाळीकाळीनमोक्षक्षमोनळी । मामोदेत तदेमोमा रक्षतत्व त्वतक्षर ॥....
काळीमाररमाळीकाळीनमोक्षक्षमोनळी ।
मामोदेत तदेमोमा रक्षतत्व त्वतक्षर ॥
पुष्य नक्षत्र
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