अग्निपुराण में कहा है जो गंगाजी का दर्शन, स्पर्श, जलपान या मात्र गंगा नाम का उच्चार करता है वह अपनी सैकडों हजारों पीढियों के लोगों को पवित्र कर देता है।
शिव जी का प्रिय मंत्र है - नमः शिवाय । इसे पंचाक्षर मंत्र कहते हैं । इस मंत्र को ॐ के साथ - ॐ नमः शिवाय के रूप में भी जपते हैं ।
गोबर और गोमूत्र में लक्ष्मी जी का निवास
जय जगदीश हरे - आरती
ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट दास �....
Click here to know more..भगवद गीता - अध्याय 11
अथैकादशोऽध्यायः । विश्वरूपदर्शनयोगः। अर्जुन उवाच - मदन....
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