गोवत्स द्वादशी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी को मनायी जाती है।
अंजनी पुत्र भूखे थे और आकाश में सूर्य को देखा। उनको लगा कि वह कोई फल होगा और सूर्य की ओर कूदा। यह देखकर इन्द्र को लगा कि सूर्य पर कोई आक्रमण कर रहा है। इन्द्र ने बजरंगबली के हनु (जबडे) पर वज्र से प्रहार किया। उस घाव का चिह्न जबडे पर होने के कारण वे हनुमान कहलाने लगे।
ॐ ह्रीं गं ह्रीं वशमानय स्वाहा....
ॐ ह्रीं गं ह्रीं वशमानय स्वाहा
संपूर्णकुम्भो न करोति शब्दम्
जल से पूरी तरह भरा हुआ घट, शब्द नहीं करता | जो घट आधा भरा हुआ ....
Click here to know more..तीर्थ स्थानों में कभी पाप न करें
हनुमद् रक्षा कवच
प्रणम्य श्रीगणेशं च श्रीरामं मारुतिं तथा । रक्षामिमां प�....
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