द्रोणाचार्य से प्रशिक्षण पूरा होने के एक साल बाद, भीमसेन ने तलवार युद्ध, गदा युद्ध और रथ युद्ध में बलदेव जी से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
श्राद्ध से केवल अपने पितरों की ही संतृप्ति नहीं होती, अपितु जो व्यक्ति विधिपूर्वक अपने धनके अनुरूप श्राद्ध करता है, वह ब्रह्मा से लेकर घास तक समस्त प्राणियों को संतृप्त कर देता है। - ब्रह्मपुराण
महिषमर्दिनि स्वाहा । महिषहिंसिके हुं फट् । महिषशत्रो शार्ङ्गी हुं फट् । महिषं भीषय भीषय हुं फट् । महिषं हन हन देवि हुं फट् । महिषसूदनि हुं फट् ।....
महिषमर्दिनि स्वाहा । महिषहिंसिके हुं फट् । महिषशत्रो शार्ङ्गी हुं फट् । महिषं भीषय भीषय हुं फट् । महिषं हन हन देवि हुं फट् । महिषसूदनि हुं फट् ।