ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि।
तन्नो मन्दः प्रचोदयात्।
शूद्र चातुर्वर्ण्य व्यवस्था का एक वर्ण है। सूत ब्राह्मण स्त्री में उत्पन्न क्षत्रिय की सन्तान है । वर्ण व्यवस्था के अनुसार सूत का स्थान क्षत्रियों के नीचे और वैश्यों के ऊपर था पेशे से ये पुराण कथावाचक और सारथी होते थे।
क्षीरसागर वह समुद्र है जो दिव्य गाय सुरभि से निकले दूध से बना है।
पत्नी से स्नेह पाने का मंत्र
ॐ क्लीं श्रीं श्रीम्। रां रामाय नमः। श्रीं सीतायै स्वाहा....
Click here to know more..सनातन परंपरा यही है कि पहले देवियों का नाम लेकर बाद में देवों का नाम लेते हैं
त्यागराज शिव स्तुति
नीलकन्धर भाललोचन बालचन्द्रशिरोमणे कालकाल कपालमाल हिमा�....
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