वसुदेव और नन्दबाबा चचेरे भाई थे। देवकी वसुदेव की पत्नी थी और यशोदा नन्दबाबा की पत्नी।
नैमिषारण्य की ८४ कोसीय परिक्रमा है । यह फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को शुरू होकर अगले पन्द्रह दिनों तक चलती है ।
ॐ भूमिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि। तन्नो भौमः प्रचोदयात्।....
ॐ भूमिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि।
तन्नो भौमः प्रचोदयात्।
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