92.3K
13.8K

Comments

Security Code

43193

finger point right
आपकी वेबसाइट बहुत ही अद्भुत और जानकारीपूर्ण है।✨ -अनुष्का शर्मा

आपका ये अतुलनीय प्रयास हमें मंत्रों की उस सागर से मिलने का कार्य करवाया हे जो किन्हीं कारणों से हमसे दूर रहा,आपको कोटि कोटि प्रणाम -विकास द्विवेदी

वेदधारा ने मेरी सोच बदल दी है। 🙏 -दीपज्योति नागपाल

सचमुच अद्भुत मंत्र है..धन्यवाद! -अन्वेषा

जब भी मैं इस मंत्र को सुनता हूं तो मुझे अच्छा महसूस होता है 🙏🙏🙏🙏 -श्रुति गुप्ता

Read more comments

Knowledge Bank

मंगल चण्डिका स्तोत्र किसके बारे में है?

मंगल चण्डिका मां दुर्गा का एक स्वरूप है। सबसे पहले महादेव ने मंगल चण्डिका की पूजा की थी, त्रिपुर के युद्ध के समय। देवी त्रिपुर दहन में भगवान की शक्ति बन गई। यह देवी हमेशा १६ वर्ष की होती है और उनका रंग सफेद चंपा के फूल जैसा है। जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की पीडा हो वे विशेष रूप से मंगल चण्डिकाकी पूजा कर सकते हैं।

Who wrote Bhakti Ratnavali?

Bhakti Ratnavali was written by Vishnu Puri of Mithila under instruction from Chaitanya Mahaprabhu. It is a collection of all verses pertaining to bhakti from Srimad Bhagavata.

Quiz

प्रशासन, व्यवस्थापन और नीति की प्रतिभा में सुप्रसिद्ध कौन है ?

अथ देवीक्षमापणस्तोत्रम् । अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया । दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि । आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् । पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि । मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक�....

अथ देवीक्षमापणस्तोत्रम् ।
अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया ।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् ।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि ।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे ।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत् ।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः ।
सापराधोऽस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके ।
इदानीमनुकम्प्योऽहं यथेच्छसि तथा कुरु ।
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम् ।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि ।
कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रहे ।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि ।
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम् ।
सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात् सुरेश्वरि ।

Other languages: EnglishTamilMalayalamTeluguKannada

Recommended for you

वैदिक काल में समाज

वैदिक काल में समाज

Click here to know more..

सफला एकादशी व्रत कथा

सफला एकादशी व्रत कथा

सफला एकादशी, विशेष रूप से भगवान नारायण का दिन है, सभी एकाद�....

Click here to know more..

किं ज्योतिस्तव एक श्लोकी

किं ज्योतिस्तव एक श्लोकी

किं ज्योतिस्तवभानुमानहनि मे रात्रौ प्रदीपादिकं स्यादे�....

Click here to know more..