शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
काली घटा के अंदर
जु दामिनी उजाला
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
गल में मुंड माला की साजे
शशि भाल में गंग विराजे
डम डम डमरू बाजे
कर में त्रिशूल धारा
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
भृग में तीन है तेज विसारे
कटीबंद में नाग सवारे
कहलाते कैलाश पति ये
करते जहाँ विसारा
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
शिव के नाम को जो उच्चारे
सबके पाप दोष दुःख हारे
सारी श्रष्टि के दाता ये
भव से पार उतारे
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
काली घटा के अंदर
जु दामिनी उजाला
शंकर तेरी जटा से
बहती है गंग धारा
संस्कृत में, 'धान्य' शब्द 'धिनोति' से आता है, जिसका मतलब है देवताओं को प्रसन्न करना। वेद कहते हैं कि अनाज देवताओं को बहुत प्रिय है। इसलिए पका हुआ खाना चढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है।
नहीं, यमुनोत्री मंदिर के परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है। हालांकि, आप पास के दृश्यसुंदर परिदृश्यों और आकर्षणों की फोटोग्राफी ले सकते हैं।