आहारनिद्राभयमैथुनानि समानमेतत् पशुभिर्नराणाम् |
ज्ञानं हि तेषामधिको विशेषो ज्ञानेन हीनाः पशुभिः समानाः ||
भोजन करना, सोना, डरना और संतान पैदा करना - ये सब मनुष्य भी करते हैं और पशु पक्षियां भी करती हैं | तो वह क्या है जो मनुष्य को खास बनाता है ? वह है ज्ञान | इसलिए जो लोग ज्ञान को प्राप्त करने की इच्छा नहीं रखते हैं वे पशु के समान ही होते हैं |
Utsadana involves healing or cleansing a person with perfumes.
जब आप कहीं जाने के लिए निकलते हैं और आपको हाथी या बैल दिखाई देता है या घोड़े की आवाज़ या मोर की ध्वनि सुनाई देती है, तो आपका कार्य सफल होगा।
कवि सूरदास
ऐसा माना जाता है कि सूरदास जी जन्म से ही अंधे थे। इसके बाव�....
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जय रघुनन्दन जय सियाराम, हे दुखभंजन तुम्हे प्रणाम।। भ्रात....
Click here to know more..विश्वनाथ अष्टक स्तोत्र
गङ्गातरङ्गरमणीयजटाकलापं गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम्�....
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