काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः|
वसन्तकाले सम्प्राप्ते काकः काकः पिकः पिकः|
कौआ भी काला है और कोयल भी काला है| इन में क्या फर्क है?
यह है कि वसन्त ऋतु में कोयल मधुर स्वर में गाना गाता है| कौआ गाना गाने का कोशिश करते हुए बेसुरा गाता है| तो वसन्त काल के आ जाने पर कौआ तो कौआ ही होता है और कोयल तो कोयल ही होता है|
नहीं। क्यों कि गाय अपने बछडे को जितना चाहिए उससे कई गुना दूध उत्पन्न करती है। गाये के दूध के तीन हिस्से होते हैं - वत्सभाग, देवभाग और मनुष्यभाग। वत्सभाग अपने बछडे के लिए, देवभाग पूजादियों में उपयोग के लिए और मनुष्यभाग मानवों के उपयोग के लिए।
महर्षि दधीचि की स्मृति में ।
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