हर मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसके लिए बतायी गयी उतनी संख्या जाप करना जरूरी होता है। उतनी बार जाप करने से मंत्र सिद्ध होता है। कोई मंत्र एक ही दिन में, कोई मंत्र ७ दिनों में और कोई मंत्र २१ दिनों में सिद्ध होता है।
व्यासजी ने १८ पर्वात्मक एक पुराणसंहिता की रचना की। इसको लोमहर्षण और उग्रश्रवा ने ब्रह्म पुराण इत्यादि १८ पुराणों में विभजन किया।
आदित्याय विद्महे सहस्रकराय धीमहि| तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्|....
आदित्याय विद्महे सहस्रकराय धीमहि|
तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्|