अमित्रादपि सद्वृत्तममेध्यादपि काञ्चनम्|

विषादप्यमृतं ग्राह्यं बालादपि सुभाषितम्|
 
 
अगर कोई शत्रु भी अच्छी वार्ता दें तो उसे सुन लेना चाहिए| गंदी जगह पर भी अगर सोना पडा हुआ मिले तो उसे उठा लेना चाहिए| विष के बीच में अगर अमृत मिला हुआ हो तो भी उस को पी लेना चाहिए| ऐसे ही अगर कोई छोटा बच्चा भी अच्छी बात कहे तो उस को सुन लेना चाहिए, मान लेना चाहिए|
 
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वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं - समीर

हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल

आपको धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद -Ghanshyam Thakar

आपकी वेबसाइट ज्ञान और जानकारी का भंडार है।📒📒 -अभिनव जोशी

वेदाधरा से हमें नित्य एक नयी उर्जा मिलती है ,,हमारे तरफ से और हमारी परिवार की तरफ से कोटिश प्रणाम -Vinay singh

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रेवती नक्षत्र का उपचार और उपाय क्या है?

जन्म से बारहवां दिन या छः महीने के बाद रेवती नक्षत्र गंडांत शांति कर सकते हैं। संकल्प- ममाऽस्य शिशोः रेवत्यश्विनीसन्ध्यात्मकगंडांतजनन सूचितसर्वारिष्टनिरसनद्वारा श्रीपरमेश्वरप्रीत्यर्थं नक्षत्रगंडांतशान्तिं करिष्ये। कांस्य पात्र में दूध भरकर उसके ऊपर शंख और चन्द्र प्रतिमा स्थापित किया जाता है और विधिवत पुजा की जाती है। १००० बार ओंकार का जाप होता है। एक कलश में बृहस्पति की प्रतिमा में वागीश्वर का आवाहन और पूजन होता है। चार कलशों में जल भरकर उनमें क्रमेण कुंकुंम, चन्दन, कुष्ठ और गोरोचन मिलाकर वरुण का आवाहन और पूजन होता है। नवग्रहों का आवाहन करके ग्रहमख किया जाता है। पूजा हो जाने पर सहस्राक्षेण.. इस ऋचा से और अन्य मंत्रों से शिशु का अभिषेक करके दक्षिणा, दान इत्यादि किया जाता है।

बुध की पत्नी कौन है?

इला। इला पैदा हुई थी लडकी। वसिष्ठ महर्षि ने इला का लिंग बदलकर पुरुष कर दिया और इला बन गई सुद्युम्न। सुद्युम्न बाद में एक शाप वश फिर से स्त्री बन गया। उस समय बुध के साथ विवाह संपन्न हुआ था।

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हवन में किसकी आहुति मौन रहकर दी जाती है ?

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