नमस्ते कलपवृक्षाय चिन्तितार्थप्रदाय च ।
विश्वम्भराय देवाय नमस्ते विश्वमूर्तये ॥
गायत्री मंत्र का अर्थ - हम श्रेष्ठतम सूर्य भगवान पर ध्यान करते हैं। वे हमारी बुद्धि को प्रकाशित करें।
कबीरदास जी के अनुसार आदि राम - एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा, एक राम का सकल उजियारा, एक राम जगत से न्यारा - हैं। दशरथ के पुत्र राम परमात्मा, जगत की सृष्टि और पालन कर्ता हैं।