उदये सविता रक्तो रक्तश्चास्तमये तथा|
सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता|

 

सूर्योदय के समय में सूर्य लाल रंग का होता है| सूर्यास्त के समय मे भी सूर्य लाल रंग का ही होता है| ऐसे ही महान लोग संपत्ति के आने पर या विपत्ति के आने पर एक ही प्रकार से रहते हैं| वे न संपत्ति के आने पर खुश होते है और न ही विपत्ति के आने पर दुखी होते हैं|

 

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महाराष्ट्र में अष्टविनायक

अष्टविनायक का अर्थ है भगवान गणेश को समर्पित आठ मंदिर। ये हैं: मोरया मोरेश्वर मोरगांव में, सिद्धिविनायक सिद्धटेक में, बल्लाळेश्वर पाली में, वरदविनायक महड में, चिंतामणि थेऊर में, गिरिजात्मज लेण्याद्री में, विघ्नेश्वर ओझर में, और महागणपति रांजणगांव में।

श्वित्र ( सफ़ेद दाग) और रक्ताल्पता का कारण क्या है?

कर्म विपाक संहिता के अनुसार, देवताओं की पूजा की उपेक्षा करने से शरीर में श्वित्र ( सफ़ेद दाग) और रक्ताल्पता जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। नियमित भक्ति और आध्यात्मिक अभ्यास हमारे आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिव्य शक्ति की आराधना करके, हम अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करते हैं, जो हमारे भीतर शांति, समरसता और समग्र कल्याण को बढ़ावा देती है। दैनिक पूजा में संलग्न होकर, व्यक्ति अपनी आत्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित करता है और संतुलित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है। इसलिए, आध्यात्मिक अभ्यासों के लिए समय निकालना और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये न केवल हमारी आत्मा को समृद्ध करते हैं बल्कि संभावित बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा भी करते हैं।

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तिरुमला ( तिरुपती ) से संबन्धित कितने पहाड हैं ?

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