मार्गशीर्ष मास का महत्व, व्रत कथा, व्रत का फल इत्यादि विषयों से संबन्धित पौराणिक कथाएं ।
बादरायण वेद व्यास जी का नाम है ।
महर्षि पतंजलि के योग शास्त्र में आठ अंग हैं- १.यम २. नियम ३. आसन ४. प्राणायाम ५. प्रत्याहार ६. धारण ७. ध्यान ८. समाधि।
सनातन परंपरा यही है कि पहले देवियों का नाम लेकर बाद में देवों का नाम लेते हैं
प्रतिद्वंद्वियों पर विजय के लिए मंत्र
मा नो विदन् विव्याधिनो मो अभिव्याधिनो विदन् । आराच्छरव्....
Click here to know more..गुरु अष्टोत्तर शतनामावलि
ॐ सद्गुरवे नमः । ॐ अज्ञाननाशकाय नमः । ॐ अदम्भिने नमः । ॐ अ�....
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