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वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ
यह वेबसाइट बहुत ही रोचक और जानकारी से भरपूर है।🙏🙏 -समीर यादव
यह वेबसाइट ज्ञान का खजाना है। 🙏🙏🙏🙏🙏 -कीर्ति गुप्ता
शास्त्रों पर स्पष्ट और अधिकारिक शिक्षाओं के लिए गुरुजी को हार्दिक धन्यवाद -दिवाकर
वेदाधरा से हमें नित्य एक नयी उर्जा मिलती है ,,हमारे तरफ से और हमारी परिवार की तरफ से कोटिश प्रणाम -Vinay singh
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प्रथम पुराण कौनसा है?
सबसे पहले एक ही पुराण था- ब्रह्माण्डपुराण, जिसमें चार लाख श्लोक थे। उसी का १८ भागों में विभजन हुआ। ब्रह्माण्डं च चतुर्लक्षं पुराणत्वेन पठ्यते। तदेव व्यस्य गदितमत्राष्टदशधा पृधक्॥- कहता है बृहन्नारदीय पुराण
शिव जी को अद्वितीय क्यों कहते हैं?
क्यों कि शिव जी ही ब्रह्मा के रूप में सृष्टि, विष्णु के रूप में पालन और रुद्र के रूप में संहार करते हैं।