२१,८७० रथ, २१,८७० हाथी, ६५, ६१० घुड़सवार एवं १,०९,३५० पैदल सैनिकों के समूह को अक्षौहिणी कहते हैं।
क्यों कि उन्होंने ही वेद को चार भागों में विभाजित किया।
मन की पवित्रता के लिए गंगा मंत्र
हैमवत्यै च विद्महे रुद्रपत्न्यै च धीमहि तन्नो गंगा प्रच�....
Click here to know more..பெரிய புராணம் என்னும் திருத்தொண்டர் புராணம் - மூன்றாம் பாகம் - 1
शिव वर्णमाला स्तोत्र
आनन्दामृत आश्रितरक्षक आत्मानन्द महेश शिव । साम्बसदाशिव....
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