ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण।
संतों को ज्ञान, मार्गदर्शन और आशा के स्रोत के रूप में देखा जाता है। आज के समय भी संत हमें नैतिकता, करुणा और विश्वास के साथ जीवन जीने का उदाहरण देते हैं। उनकी शिक्षाएं उत्तरोत्तर प्रासंगिक होते जा रहे हैं। वे कठिन समय में भी लचीलापन और विश्वास के साथ जीना सिखाते हैं।
अमूः पारे पृदाक्वस्त्रिषप्ता निर्जरायवः । तासां जरायुभिर्वयमक्ष्यावपि व्ययामस्यघायोः परिपन्थिनः ॥१॥ विषूच्येतु कृन्तती पिनाकमिव बिभ्रती । विष्वक्पुनर्भुवा मनोऽसमृद्धा अघायवः ॥२॥ न बहवः समशकन् नार्भका अभि दा�....
अमूः पारे पृदाक्वस्त्रिषप्ता निर्जरायवः ।
तासां जरायुभिर्वयमक्ष्यावपि व्ययामस्यघायोः परिपन्थिनः ॥१॥
विषूच्येतु कृन्तती पिनाकमिव बिभ्रती ।
विष्वक्पुनर्भुवा मनोऽसमृद्धा अघायवः ॥२॥
न बहवः समशकन् नार्भका अभि दाधृषुः ।
वेणोरद्गा इवाभितोऽसमृद्धा अघायवः ॥३॥
प्रेतं पादौ प्र स्फुरतं वहतं पृणतो गृहान् ।
इन्द्राण्येतु प्रथमाजीतामुषिता पुरः ॥४॥
यद्धात्रा निजभालपट्टलिखितम्
ब्रह्मा ने हमारे माथे पर हमारे लिए जितना धन लिखा है, हमे उ�....
Click here to know more..एक गुरुजी शिष्य को खेत पर भेज देते हैं
एक गुरुजी शिष्य को खेत पर भेज देते हैं....
Click here to know more..दुर्गा स्तव
सन्नद्धसिंहस्कन्धस्थां स्वर्णवर्णां मनोरमाम्। पूर्णे....
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