आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से भय और खतरों से सुरक्षा मिलती है। इससे प्रतिद्वंद्वियों के साथ लड़ाई में सफलता प्राप्त होती है।
राजा दिलीप के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपनी रानी सुदक्षिणा के साथ वशिष्ठ ऋषि की सलाह पर उनकी गाय नन्दिनी की सेवा की। वशिष्ठ ऋषि ने उन्हें बताया कि नन्दिनी की सेवा करने से उन्हें पुत्र प्राप्त हो सकता है। दिलीप ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ नन्दिनी की सेवा की, और अंततः उनकी पत्नी ने रघु नामक पुत्र को जन्म दिया। यह कहानी भक्ति, सेवा, और धैर्य का प्रतीक मानी जाती है। राजा दिलीप की कहानी को रामायण और पुराणों में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है कि कैसे सच्ची निष्ठा और सेवा से मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
काले जादू और नकारात्मक ऊर्जा से हनुमान मंत्र से बचाव करें
हनुमान जी के शक्तिशाली मंत्र को सुनें, जो काले जादू और नका....
Click here to know more..कृष्ण भक्ति बढ़ाने के लिए मंत्र
ॐ गोपीरमणाय स्वाहा....
Click here to know more..काली भुजंग स्तोत्र
विजेतुं प्रतस्थे यदा कालकस्या- सुरान् रावणो मुञ्जमालिप�....
Click here to know more..