श्राद्ध से केवल अपने पितरों की ही संतृप्ति नहीं होती, अपितु जो व्यक्ति विधिपूर्वक अपने धनके अनुरूप श्राद्ध करता है, वह ब्रह्मा से लेकर घास तक समस्त प्राणियों को संतृप्त कर देता है। - ब्रह्मपुराण
व्यास जी के पितामह थे शक्ति महर्षि। उनकी पत्नी थी अदृश्यन्ती।
शत्रुओं से सुरक्षा पाने के लिए नरसिंह मंत्र
ॐ नमो नृसिंहसिंहाय सर्वदुष्टविनाशनाय सर्वजनमोहनाय सर्�....
Click here to know more..संतों के सत्संग से पांच फल मिलते हैं
सोम स्तोत्र
श्वेताम्बरोज्ज्वलतनुं सितमाल्यगन्धं श्वेताश्वयुक्तर�....
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