व्यास जी के पितामह थे शक्ति महर्षि। उनकी पत्नी थी अदृश्यन्ती।
स्नान करते समय बोलनेवाले के तेज को वरुणदेव हरण कर लेते हैं। हवन करते समय बोलनेवाले की संपत्ति को अग्निदेव हरण कर लेते हैं। भोजन करते समय बोलनेवाले की आयु को यमदेव हरण कर लेते हैं।
काकभुशुण्डि की कथा
काकदेहधारी काकभुशुण्डि जी भगवान श्रीराम के परम भक्त थे। ....
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ॐ ऐं क्रौं नमः दुर्गां देवीं शरणमहं प्रपद्ये ....
Click here to know more..सुदर्शन अष्टक स्तोत्र
प्रतिभटश्रेणिभीषण वरगुणस्तोमभूषण। जनिभयस्थानतारण जगद....
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