ॐ श्री वेंकटेशाय नमः
धरती चार स्तंभों से टिकी है: करुणा, विनम्रता, सहायता और आत्म-नियंत्रण। ये गुण दुनिया में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। इन गुणों को अपनाकर व्यक्ति समाज में योगदान देता है और व्यक्तिगत विकास करता है। करुणा अपनाने से सहानुभूति बढ़ती है; विनम्रता से अहंकार दूर होता है; सहायता से निःस्वार्थ सेवा की भावना आती है, और आत्म-नियंत्रण से अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ये सभी गुण मिलकर एक संतुलित और अर्थपूर्ण जीवन की मजबूत नींव बनाते हैं।
स्वास्थ्य के लिए शिव मंत्र
ॐ जूं सः शिवाय हुं फट्....
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किसी के स्वभाव को समझाकर बदला नहीं जा सकता। पानी को जितना....
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अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम्। राघवाणामलङ्कार�....
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