दक्षिण-पूर्व दिशा में केवल स्नानघर बना सकते हैं। यहां कमोड न लगाएं।
महाभारत अनुशासनपर्व.८३.१४ के अनुसार गोलोक देवताओं के लोकों के ऊपर है- देवानामुपरिष्टाद् यद् वसन्त्यरजसः सुखम्।
शतभिषा नक्षत्र
शतभिषा नक्षत्र - व्यक्तित्व और विशेषताएं, स्वास्थ्य, व्य�....
Click here to know more..जय रघुनन्दन जय सियाराम
जय रघुनन्दन जय सियाराम, हे दुखभंजन तुम्हे प्रणाम।। भ्रात....
Click here to know more..वेंकटेश अष्टक स्तुति
यो लोकरक्षार्थमिहावतीर्य वैकुण्ठलोकात् सुरवर्यवर्यः।....
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