जानिए त्रिपुरा में उनाकोटी के बारे में जहां ९९,९९,९९९ देवी-देवता एक ही स्थान पर विद्यमान हैं
सूर्य का गुरु देवगुरु बृहस्पति हैं।
ऋद्धिदां वृद्धिदां चैव मुक्तिदां सर्वकामदाम्। लक्ष्मीस्वरूपां परमां राधां सहचरीं पराम्। गवामधिष्ठातृदेवीं गवामाद्यां गवां प्रसूम्। पवित्ररूपां पूज्यां च भक्तानां सर्वकामदाम्। यया पूतं सर्वविश्वं तां देवीं सुरभीं भजे।
कर्ण के जन्म की कहानी
अध्ययन में सफलता और बौद्धिक स्पष्टता के लिए सरस्वती मंत्र
माँ सरस्वती का आह्वान करें और उनकी कृपा से बौद्धिक स्पष्�....
Click here to know more..शेषाद्रि नाथ स्तोत्र
अरिन्दमः पङ्कजनाभ उत्तमो जयप्रदः श्रीनिरतो महामनाः। ना....
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