114.4K
17.2K

Comments

Security Code

53326

finger point right
सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

आपका हिंदू शास्त्रों पर ज्ञान प्रेरणादायक है, बहुत धन्यवाद 🙏 -यश दीक्षित

आपकी वेबसाइट बहुत ही अनमोल और जानकारीपूर्ण है।💐💐 -आरव मिश्रा

वेदधारा की वजह से हमारी संस्कृति फल-फूल रही है 🌸 -हंसिका

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -मदन शर्मा

Read more comments

Knowledge Bank

बुध की पत्नी कौन है?

इला। इला पैदा हुई थी लडकी। वसिष्ठ महर्षि ने इला का लिंग बदलकर पुरुष कर दिया और इला बन गई सुद्युम्न। सुद्युम्न बाद में एक शाप वश फिर से स्त्री बन गया। उस समय बुध के साथ विवाह संपन्न हुआ था।

राजा ककुद्मि और रेवती: समय की यात्रा

श्रीमद्भागवत पुराण में राजा ककुद्मि और उनकी बेटी रेवती की एक कहानी है। वे ब्रह्मलोक गए थे ताकि रेवती के लिए उपयुक्त पति ढूंढ सकें। लेकिन जब वे पृथ्वी पर लौटे, तो पाया कि समय अलग तरीके से बीता है। कई युग बीत चुके थे और सभी जिन्हें वे जानते थे, वे मर चुके थे। रेवती ने फिर भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम से विवाह किया। यह कहानी हमारे शास्त्रों में समय विस्तार की अवधारणा को दर्शाती है।

Quiz

संपूर्ण कुरुक्षेत्र युद्ध की साक्षी कौन था ?

गरुड अमृत के लिए स्वर्ग लोक के ऊपर आक्रमण करनेवाले हैं । अमृत ले जाकर नागों को सौंपना है । तभी गरुड और उनकी मां विनता की गुलामी खत्म होगी । देव भी तौयार थे । देवेन्द्र स्वयं वज्रायुध लेकर खडे थे । देव लोक में देवों के....

गरुड अमृत के लिए स्वर्ग लोक के ऊपर आक्रमण करनेवाले हैं ।
अमृत ले जाकर नागों को सौंपना है ।
तभी गरुड और उनकी मां विनता की गुलामी खत्म होगी ।

देव भी तौयार थे ।
देवेन्द्र स्वयं वज्रायुध लेकर खडे थे ।
देव लोक में देवों के अलावा सेना भी है ।
गरुड के आकार को देखकर देवों के सैनिक कांपने लगे ।

उस सम्य अमृत की रक्षा विश्वकर्मा कर रहे थे ।
बहुत बलवान थे विश्व्कर्मा ।
उन्होंने ४८ मिनट तक गरुड से युद्ध किया ।
गरुड ने विश्वकर्मा के ऊपर अपने पंखों से पंजाओं से और चॊंच से बार बार आक्रमण करके उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया ।
मानो विश्वकर्मा मरते मरते बच गये ।

गरुड के पंखों ने इतनी धूल उडायी कि स्वर्ग लोक में अन्धकार छा गया ।
देवों को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था ।
गरुड देवलोक के सैनिकों को अपने पंजाओं से और चोंच से चीरते गये । पंखों से मार मार कर उन्हें तोडते गये ।
इन्द्र देव ने वायु भगवान से धूल को हटाने कहा ।
रोशनी वापस आने पर देव सेना गरुड के ऊपर हथियारों से आक्रमण करने लगी ।

गरुड आसमान पर बादल जैसे छाए हुए थे । जोर जोर से गर्जना कर रहे थे ।
देव हथियार बरसा रहे थे गरुड के ऊपर ।
गरुड ने जरा भी परवाह नहीं किया ।
गरुड ने अपने पंखों से और छाती के धक्के से बहुत साते सैनिकों मार गिराया ।
जो बच गये वे इधर उधर भागने लगे ।
साध्य और गन्धर्व पूरब की ओर भागे
वसु गण और रुद्र गण दक्षिण की ओर भागे ।
आदित्य पश्चिम की ओर भागे ।
अश्विनी कुमार उत्तर की ओर भागे ।

इसके बाद नौ महान पराक्रमी यक्ष गरुड से लडने आये ।
उन्हें भी गरुड ने चीर दिया ।



इतने में गरुड को अमृत कुंभ दिखाई दिया ।
उसकी चारों भयानक जलती हुई आग थी ।
आकाश तक बडी ज्वालाएं उठ रही थी ।
गरुड ने अपने शरीर में से आठ हजार एक सौ मुंह प्रकट करके उनमें नदियों का जल लेकर उस आग को बुझा डाला ।
तब गरुड ने उस अमृत कुंभ की चारों ओर घूमता हुआ एक लोहे के चक्र को देखा ।
उसकी धार बडी तीखी थी ।
जो भी उसके पास जाएगा वह टुकडा टुकडा हो जाएगा ।
वह धधकता हुआ चक्र तेजी से घूम भी रहा था ।
इस चक्र का पार करके ही अमृत कुंभ तक पहुंचा जा सकता है ।
गरुड अपने शरीर को अणु रूप करके उस चक्र के अरों के बीच में से अन्दर चले गये ।

अमृत कुंभ की रक्षा के लिए दो नाग खडे थे ।
उनकी आंखों में भी इतना जहर भरा हुआ था कि वे सिर्फ देखने से ही किसी को भी भस्म कर सकते थे ।
बडे क्रोधी थे दोनों नाग ।
गरुड अपने स्वरूप को फिर से अपनाया उनकी आंखों में धूल झोंक दिया और उन्हें टुकडे टुकडे कर डाला ।

अमृत कुंभ को लेकर गरुड आकाश में उड गये ।

Recommended for you

आस्तिक की मांग - सर्प यज्ञ को रोक दो

आस्तिक की मांग - सर्प यज्ञ को रोक दो

बस इस यज्ञ को यहीं और अभी बंद कर दो ताकि मेरी माता का वंश बच....

Click here to know more..

गणेश अथर्व शीर्ष - त्वं वाङ्मयः

गणेश अथर्व शीर्ष - त्वं वाङ्मयः

गणेश अथर्व शीर्ष - त्वं वाङ्मयः....

Click here to know more..

कल्पेश्वर शिव स्तोत्र

कल्पेश्वर शिव स्तोत्र

जीवेशविश्वसुरयक्षनृराक्षसाद्याः यस्मिंस्थिताश्च खलु ....

Click here to know more..