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शास्त्रों पर गुरुजी का मार्गदर्शन गहरा और अधिकारिक है 🙏 -Ayush Gautam

बहुत बढिया चेनल है आपका -Keshav Shaw

Om namo Bhagwate Vasudevay Om -Alka Singh

वेदधारा से जब से में जुड़ा हूं मुझे अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिला वेदधारा के विचारों के माध्यम से हिंदू समाज के सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। -नवेंदु चंद्र पनेरु

Yeah website hamare liye to bahut acchi hai Sanatan Dharm ke liye ek Dharm ka kam kar rahi hai -User_sn0rcv

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श्वित्र ( सफ़ेद दाग) और रक्ताल्पता का कारण क्या है?

कर्म विपाक संहिता के अनुसार, देवताओं की पूजा की उपेक्षा करने से शरीर में श्वित्र ( सफ़ेद दाग) और रक्ताल्पता जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। नियमित भक्ति और आध्यात्मिक अभ्यास हमारे आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिव्य शक्ति की आराधना करके, हम अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करते हैं, जो हमारे भीतर शांति, समरसता और समग्र कल्याण को बढ़ावा देती है। दैनिक पूजा में संलग्न होकर, व्यक्ति अपनी आत्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित करता है और संतुलित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है। इसलिए, आध्यात्मिक अभ्यासों के लिए समय निकालना और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये न केवल हमारी आत्मा को समृद्ध करते हैं बल्कि संभावित बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा भी करते हैं।

नाम बडा या भगवान?

भगवान और उनके नाम अविच्छेद्य हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार भगवन्नाम का प्रभाव भगवान से अधिक हैं। भगवान ने जो प्रत्यक्ष उनके संपर्क में आये उन्हें ही सुधारा। उनका नाम पूरे विश्व में आज भी करोडों का भला कर रहा है।

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इनमें से कौन सा स्वरूप नवदुर्गा के अन्तर्गत नहीं है ?

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