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बहुत अच्छा लग रहा है यह सब 🌼... बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 -paritosh

सनातन धर्म के भविष्य के लिए वेदधारा का योगदान अमूल्य है 🙏 -श्रेयांशु

आपके मंत्र सुनकर बहुत शांति मिलती है -User_snzzjy

जय सनातन जय सनातनी 🙏 -विकाश ओझा

इस परोपकारी कार्य में वेदधारा का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है -Ramandeep

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ॐ गं

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यंत्र क्या हैं?

यंत्रों को देवता का शरीर माना जाता है, जबकि मंत्र को उनकी आत्मा। प्रत्येक देवता से संबंधित एक यंत्र होता है, और आगम यंत्रों के निर्माण और पूजा के लिए विशेष निर्देश देते हैं। इन्हें सोना, चांदी, तांबा या भूर्ज (भोजपत्र) जैसी विभिन्न सामग्रियों पर बनाया जा सकता है। यंत्र दो प्रकार के होते हैं: पूजा के लिए उपयोग किए जाने वाले (पूजनीय) और शरीर पर धारण किए जाने वाले (धारणीय), जिनके बारे में माना जाता है कि वे इच्छाओं को पूरा करते हैं और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

पृथु राजा की कहानी

एक सम्राट था वेन। बडा अधर्मी और चरित्रहीन। महर्षियों ने उसे शाप देकर मार दिया। उसके बाद अराजकता न फैलें इसके लिए महर्षियों ने वेन के शरीर का मंथन करके राजा पृथु को उत्पन्न किया। तब तक अत्याचार से परेशान भूमि देवी ने सारे जीव जालों को अपने अंदर खींच लिया था। उन्हें वापस करने के लिए राजा ने कहा तो भूमि देवी नही मानी। राजा ने अपना धनुष उठाया तो भूमि देवी एक गाय बनकर भाग गयी। राजा ने तीनों लोकों में उसका पीछा किया। गौ को पता चला कि यह तो मेरा पीछा छोडने वाला नहीं है। गौ ने राजा को बताया कि जो कुछ भी मेरे अंदर हैं आप मेरा दोहन करके इन्हें बाहर लायें। आज जो कुछ भी धरती पर हैं वे सब इस दोहन के द्वारा ही प्राप्त हुए।

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राजा नहुष थोडे समय के लिये इन्द्र बन गये थे । इनमें ऐसी कौनसी योग्यता थी ?

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