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आपका प्रयास सराहनीय है,आप सनातन संस्कृति को उन्नति के शिखर पर ले जा रहे हो हमारे जैसे अज्ञानी भी आप के माध्यम से इन दिव्य श्लोकों का अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाने में लगे हैं🙏🙏🙏 -User_soza7d
नियम से आपका चैनल देखता हूं
पूजन मंत्र की जानकारी मिलती है मन प्रसन्न हो जाता है आपका आभार धन्यवाद।
मुझे अपने साथ जोड़ने का -राजेन्द्र पाण्डेय
आपके प्रवचन हमेशा सही दिशा दिखाते हैं। 👍 -स्नेहा राकेश
जो लोग पूजा कर रहे हैं, वे सच में पवित्र परंपराओं के प्रति समर्पित हैं। 🌿🙏 -अखिलेश शर्मा
Ram Ram -Aashish
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पुष्पादि चढ़ानेकी विधि
फूल, फल और पत्ते जैसे उगते हैं, वैसे ही इन्हें चढ़ाना चाहिये'। उत्पन्न होते समय इनका मुख ऊपरकी ओर होता है, अतः चढ़ाते समय इनका मुख ऊपरकी ओर ही रखना चाहिये। इनका मुख नीचेकी ओर न करे । दूर्वा एवं तुलसीदलको अपनी ओर और बिल्वपत्र नीचे मुखकर चढ़ाना चाहिये। इनसे भिन्न पत्तोंको ऊपर मुखकर या नीचे मुखकर दोनों ही प्रकारसे चढ़ाया जा सकता है । दाहिने हाथ करतलको उतान कर मध्यमा, अनामिका और अँगूठेकी सहायतासे फूल चढ़ाना चाहिये।
क्या यमुनोत्री मंदिर के परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति है?
नहीं, यमुनोत्री मंदिर के परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है। हालांकि, आप पास के दृश्यसुंदर परिदृश्यों और आकर्षणों की फोटोग्राफी ले सकते हैं।