ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ॐ स्वाहा ॐ गरुड सं हुँ फट् । किसी रविवार या मंगलवार के दिन इस मंत्र को दस बर जपें और दस आहुतियां दें। इस प्रकार मंत्र को सिद्ध करके जरूरत पडने पर मंत्र पढते हुए फूंक मारकर भभूत छिडकें ।
गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिरनार पहाडियां ही रैवतक पर्वत है। इसके बारे में महाभारत.सभापर्व.१४.५० में ऐसा उल्लेख है; कुशस्थलीं पुरीं रम्यां रैवतेनोपशोभिताम्। रैवतक द्वारका को शोभा देनेवाला पर्वत है।
भक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान मंत्र
ॐ हं नमो हनुमते रामदूताय रुद्रात्मकाय स्वाहा....
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ॐ ऋषिरुवाच । शक्रादयः सुरगणा निहतेऽतिवीर्ये तस्मिन्दु�....
Click here to know more..शंकराचार्य द्वादश नाम स्तोत्र
वेदान्तवित् सुवेदज्ञः चतुर्दिग्विजयी तथा| आर्याम्बातन�....
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