धर्म हर प्रामाणिक भारतीय घर की नींव है, जो संस्कृति को आकार देता है और राष्ट्रीय पहचान को परिभाषित करता है। यह जीवन के विशाल वृक्ष की जड़ और तना के रूप में कार्य करता है, जो मानव प्रयास के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाली अनेक शाखाओं का समर्थन करता है। इन शाखाओं में प्रमुख हैं दर्शन और कला, जो धार्मिक विश्वासों द्वारा प्रदान की गई पोषण पर फलते-फूलते हैं। यह आध्यात्मिक नींव ज्ञान और सौंदर्य की समृद्ध बुनाई को बढ़ावा देती है, जो एक सामंजस्यपूर्ण अस्तित्व बनाने के लिए एक-दूसरे में घुलमिल जाती है। भारत में, धर्म केवल अनुष्ठानों का एक समूह नहीं है बल्कि एक गहन शक्ति है जो विचार, रचनात्मकता और सामाजिक मूल्यों को प्रभावित करती है। यह रोजमर्रा की जिंदगी के ताने-बाने को बुनता है, यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय होने का सार आध्यात्मिकता में निहित रहे, पीढ़ियों के पार चले और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखे।
नैना देवी मंदिर, ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी, बज्रेश्वरी देवी मंदिर, चामुण्डा मंदिर, मनसा देवी मंदिर, जयंती देवी मंदिर।
पाञ्चजन्य
नामक एक असुर की हड्डियां पाञ्चजन्य नामक शंख में बदल गईं, �....
Click here to know more..छोटी बातों की उपेक्षा करने से वे बड़ी आपत्तियों के कारण हो सकती हैं
छोटी बातों को नजरअंदाज करने से बडी आपत्तियां हो सकती है। �....
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मुरारिकायकालिमाललामवारिधारिणी तृणीकृतत्रिविष्टपा त्�....
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