नवग्रह पीडा से राहत पाने के लिए सरल और सुगम उपाय जो आप खुद कर सकते हैं।
मिट्टी के एक घड़े में इन द्रव्यों को डालें -
मिट्टी के ही ढक्कन से घड़े के मुख को बन्द करें।
पीपल के वृक्ष के पास दो फुट गहरा गड्ढा खोदकर वह मिट्टी का बर्तन खड़ी अवस्था उसमें गाड़ दें।
मिट्टी से गड्ढा भर दें।
धूप और दीप करें।
वहीं काले कंबल के ऊपर बैठकर इस मंत्र का ११ माला (१०८ x ११) करें -
ॐ नमो भास्कराय सर्वग्रहाणां पीड़ां नाशं कुरु कुरु स्वाहा।
उसके बाद पीपल को प्रणाम करके घर वापस आ जाएं।
पीछे मुड़कर न देखें।
ध्यान रहें -
ॐ ह्रीं नमः शिवाय
पुराण प्राचीन ग्रंथ हैं जो ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का वर्णन करते हैं, जिन्हें पंचलक्षण द्वारा परिभाषित किया गया है: सर्ग (सृष्टि की रचना), प्रतिसर्ग (सृष्टि और प्रलय के चक्र), वंश (देवताओं, ऋषियों और राजाओं की वंशावली), मन्वंतर (मनुओं के काल), और वंशानुचरित (वंशों और प्रमुख व्यक्तियों का इतिहास)। इसके विपरीत, इतिहास रामायण में भगवान राम और महाभारत में भगवान कृष्ण पर जोर देता है, जिनसे संबंधित मानवों के कर्म और जीवन को महत्व दिया गया है।