Audio embed from archive.org

जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा, 

सुर नर मुनि सब करते प्रभु तुम्हरी सेवा।

 

तुम पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक, 

भक्तों के सुखकारक भीषण वपु धारक ।

 

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी, 

महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।

 

तुम बिन शिव सेवा सफल नहीं होवे, 

चतुर्वतिका दीपक दर्शन दुःख खोवे॥

 

तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी, 

कृपा कीजिये भैरव करिये नहिं देरी ॥

 

पाँवों घुंघरू बाजत डमरू डमकावत, 

बटुकनाथ बन बालक जन मन हरषावत ॥

 

बटुक नाथ की आरती जो कोई नर गावे, 

कहे धरणीधर वह मन वांछित फल पावे॥

 

89.9K
13.5K

Comments

Security Code

24518

finger point right
वेदधारा के माध्यम से मिले सकारात्मकता और विकास के लिए आभारी हूँ। -Varsha Choudhry

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -User_sdh76o

वेद पाठशालाओं और गौशालाओं के लिए आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी हुई 🙏🙏🙏 -विजय मिश्रा

बहुत अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है 🙏🌹🙏 -Manjulata srivastava

वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ

Read more comments

Knowledge Bank

इतिहास की परिभाषा

इति हैवमासिदिति यः कथ्यते स इतिहासः - यह इंगित करता है कि 'इतिहास' शब्द का प्रयोग उन वृत्तांतों के लिए किया जाता है जिन्हें ऐतिहासिक सत्य के रूप में स्वीकार किया जाता है। रामायण और महाभारत 'इतिहास' हैं और कल्पना या कल्पना की उपज नहीं हैं। इन महाकाव्यों को प्राचीन काल में घटित घटनाओं के तथ्यात्मक पुनर्कथन के रूप में माना जाता है।

राजा दिलीप और नन्दिनी

राजा दिलीप के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपनी रानी सुदक्षिणा के साथ वशिष्ठ ऋषि की सलाह पर उनकी गाय नन्दिनी की सेवा की। वशिष्ठ ऋषि ने उन्हें बताया कि नन्दिनी की सेवा करने से उन्हें पुत्र प्राप्त हो सकता है। दिलीप ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ नन्दिनी की सेवा की, और अंततः उनकी पत्नी ने रघु नामक पुत्र को जन्म दिया। यह कहानी भक्ति, सेवा, और धैर्य का प्रतीक मानी जाती है। राजा दिलीप की कहानी को रामायण और पुराणों में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है कि कैसे सच्ची निष्ठा और सेवा से मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

Quiz

एक कल्प में कितने साल होते हैं ?

Recommended for you

भगवान देख रहे हैं

भगवान देख रहे हैं

भगवान देख रहे हैं ....

Click here to know more..

धन और समृद्धि के लिए वास्तु देवता मंत्र

धन और समृद्धि के लिए वास्तु देवता मंत्र

गेहादिशोभनकरं स्थलदेवताख्यं सञ्जातमीश्वरतनुरसामृतदे....

Click here to know more..

लक्ष्मी नरसिंह अष्टक स्तोत्र

लक्ष्मी नरसिंह अष्टक स्तोत्र

यं ध्यायसे स क्व तवास्ति देव इत्युक्त ऊचे पितरं सशस्त्रम....

Click here to know more..